
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) केंद्र ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह अगले तीन महीनों में ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों पर श्रवण और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए पहुंच संबंधी दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देगा।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने सरकार के इस वचन को रिकॉर्ड में ले लिया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने हितधारकों और जनता की टिप्पणियों के लिए अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर मसौदा दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं।
अदालत दृष्टिबाधित व्यक्तियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो ओटीटी प्लेटफार्मों पर हाल ही में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्मों में विकलांगों के अनुकूल पहुंच सुविधाओं की कमी से परेशान थे।
प्रसारण में, ओटीटी सामग्री इंटरनेट पर वितरित ऑडियो, वीडियो और अन्य मीडिया सामग्री है।
“मंत्रालय (सूचना और प्रसारण मंत्रालय) के वकील द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि अंतिम दिशानिर्देश तैयार करने से पहले याचिकाकर्ता की प्रतिक्रिया/सुझाव पर विधिवत विचार किया जाएगा और ध्यान में रखा जाएगा। यह भी आश्वासन दिया गया है कि अंतिम दिशानिर्देश तीन महीने के भीतर जारी किए जाएंगे। वर्तमान याचिका में कोई और निर्देश पारित करने की आवश्यकता नहीं है,” न्यायाधीश ने कहा और याचिका का निपटारा कर दिया।
न्यायाधीश ने पहले मंत्रालय को विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के अनुसार दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि मसौदा दिशानिर्देशों में कुछ खामियां थीं, उनका दावा था कि एमआईबी ने विकलांग व्यक्तियों के साथ नहीं, बल्कि उद्योग के सदस्यों से परामर्श किया था और यह जरूरी था कि सभी हितधारकों से परामर्श किया गया था।
अदालत ने याचिकाकर्ताओं को मसौदा दिशानिर्देशों पर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने की भी स्वतंत्रता दी।
न्यायाधीश ने कहा, “यदि याचिकाकर्ता को दिशानिर्देश तैयार करने के संबंध में कोई शिकायत है, तो वह कानूनी सहारा लेने के लिए स्वतंत्र होगा।”