भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं। बीएसएफ ने अवैध अप्रवासियों को भारत में घुसने से रोकने के लिए बांग्लादेश की सीमा पर बाड़ लगाने की योजना बनाई है। बांग्लादेश ने इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। जवाब में भारत ने सोमवार को नई दिल्ली में बांग्लादेशी राजदूत को तलब किया और साफ कर दिया कि बांग्लादेश को पिछली सरकारों के दौरान किए गए समझौतों का पालन करना होगा। शेख हसीना की सरकार को हटाने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच मामूली मुद्दों पर भी तनाव बढ़ रहा है। पड़ोसी देश चीन इस स्थिति से वाकिफ है और इसका फायदा उठा रहा है। चीन स्थिति को प्रभावित करने के लिए ढाका में राजनीतिक दलों के साथ सक्रिय रूप से संपर्क में है।
बांग्लादेश के डेली ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को चीनी राजदूत याओ वेन ने ढाका में खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर से मुलाकात की। वर्तमान में बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार है, जो शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद सत्ता में आई थी। देश में चरमपंथी ताकतें मजबूत हुई हैं और हसीना की मुस्लिम लीग का विरोध बढ़ रहा है। खालिदा जिया की बीएनपी को सत्ता का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने की संभावना है। बदलते राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए, चीनी राजदूत ढाका में भविष्य की रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।