परिसीमन और नई शिक्षा नीति (एनईपी) में तीन-भाषा फार्मूले के तहत हिंदी को कथित रूप से लागू करने पर बहस के दौरान विपक्ष के नेता और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा की गई कथित “अपमानजनक” टिप्पणियों को लेकर राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ। हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने माफी मांगी है और अपनी टिप्पणियों को वापस ले लिया है – एक हिंदी अभिव्यक्ति जिसका अर्थ है ‘किसी को पीटना’ या ‘कील ठोकना’ – सांसदों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि वे अध्यक्ष को निशाना बनाकर की गई थीं। सदन के नेता जेपी नड्डा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा निंदनीय है। उन्होंने कहा, “विपक्ष के नेता द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा, आसन पर की गई टिप्पणी निंदनीय है… इसकी सभी को निंदा करनी चाहिए। आसन के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द और भाषा अक्षम्य है, फिर भी उन्हें माफी मांगनी चाहिए और उस शब्द को हटाया जाना चाहिए।”